विद्यार्थियों
आज हम हिंदी व्याकरण - पत्र लेखन करेंगे |
आज हम हिंदी व्याकरण - पत्र लेखन करेंगे |
पत्र दो प्रकार के होते हैं - अनौपचारिक पत्र और औपचारिक पत्र |
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अनौपचारिक पत्रों में पारिवारिक पत्र आते हैं और सामाजिक पत्र आते हैं | औपचारिक पत्रों
में कार्यालय पत्र और व्यापारिक पत्र आते हैं | पारिवारिक पत्र में निजीपन और आत्मीयता
वैशिष्ट्य रहती है | माता, पिता, पुत्र, पुत्री में व अन्य परिवारजनों और संबंधियों को लिखे जाने
वाले पत्र पारिवारिक पत्र कहलाते हैं | इन्हें व्यक्तिगत और घरेलू पत्र भी कह सकते हैं |
लेखन हेतु जरूरी निर्देश :
- सर्वप्रथम अंतर्देशीय ,पोस्टकार्ड यi सादे कागज के बाएं और शीर्ष पर पत्र लिखने वाले का
पता और भेजने की तिथि लिखी जाती है |
- बाई और संबोधन शब्द लिखा जाता है और संबोधन शब्द के बाद अल्पविराम लगाया
जाता है |
अभिवादन :
- सूचक शब्द लिखा जाता है उसके बाद पूर्ण विराम लगाया जाता है |
- अभिवादन सूचक शब्द के पूर्ण विराम के पश्चात उसी पंक्ति में पत्र का मुख्य विषय आरंभ
होता है |
समाप्ति :
- मुख्य विषय की समाप्ति पर आशा है आप स्वस्थ होंगे, आनंद मंगल होंगे, कुशल मंगल
होंगे, पत्र की प्रतीक्षा में आदि समापन वाक्यों का प्रयोग होता है |
- पत्र के अंत में बाई और समापन सूचक शब्द भवदीय, सद्भावी, आपका अपना आदि के
साथ अल्पविराम लगाकर नीचे पत्र के हस्ताक्षर के नाम को लिखा जा |
उदाहरण के लिए पारिवारिक पत्र - अपने छोटे भाई को समय का सदुपयोग करने की प्रेरणा देते
हुए पत्र लिखिए |
परीक्षा भवन
क ख ग
10 सितंबर 2018
प्रिय भाई !
शुभ आशीर्वाद |
कल ही पिताजी का पत्र प्राप्त हुआ यह जानकर बहुत कष्ट हुआ कि तुम अर्धवार्षिक परीक्षा
में तीन विषयों में फेल हो गए हो और यह भी ज्ञात हुआ कि आप अपना अधिकतर समय मित्रों
के साथ मौज मस्ती में व्यतीत करते हो और जिसका असर तुम्हारी पढ़ाई पर पढ़ रहा है |
प्रिय भाई इस संसार में सबसे अमूल्य वस्तु समय है समय का आदर करने वाला व्यक्ति ही
सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचता है और जो समय को नहीं पहचानता वह दर-दर की ठोकरें
खाता है | बीता हुआ समय कभी लौट कर नहीं आता |
इस समय तुम आप जिन कक्षा में पढ़ रहे हो यह तुम्हारे जीवन और भविष्य का एक निर्णायक
मोड़ है | या तो तुम सही दिशा में चले जाओगे या असफल होकर गुमनामी के अंधेरे में खो
जाओगे | तुम्हारे कंधों पर अपना भविष्य बनाने की जिम्मेदारी नहीं हम सब के सपनों का भारी
बोझ भी है | तुम्हें अपने लिए और हम सबके लिए समय के महत्व को पहचानना ही होगा आशा
है | तुम अपनी बहन की बातों को गंभीरता से समझोगे और समय के महत्व को वार्षिक परीक्षा
आने से पहले परिश्रम में जुड़ जाओगे | मैं तुम्हारे सामर्थ्यऔर दृढ़ निश्चय के बारे में भी खूब
जानती हूं | जरूरत है तो बस समय का सदुपयोग करने की आशा है आप हमें निराश नहीं
करोगे |
शुभकामनाओं सहित |
तुम्हारी बहन,
ममता
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सामाजिक पत्र - सामाजिक प्राणी होने के नाते मनुष्य अपने समाज का एक अभिन्न अंग
होता है |
लेखन हेतु जरूरी निर्देश :
घर परिवार से बाहर वह अपने पड़ोसियों मित्रों सहयोगियो, परिचितों, हितैषियों और
दूसरे स्थान पर सु ह्रदय से सामाजिक संबंधों से जुड़ा रहता है | विविध संस्कारों, लोका चारों,
अनुष्ठानों आदि के अवसर पर सुख- दुख एवं हर्ष विषाद की सूचना अपने सगे - संबंधियों
आदि को देने के लिए जो पत्र लिखे जाते हैं | वह सामाजिक पत्र कहलाते हैं | अवसर और
प्रसंगानुसार के कई प्रकार के होते हैं |
प्रारंभ :
निमंत्रण पत्र, बधाई पत्र, शोक पत्र आदि समाजिक पत्रों का प्रारंभ हम आदरणीय, मान्यवर,
प्रिय, महोदय आदि संबोधन से होता है |
समाप्ति :
अंत में अपने विनीत, भवदीय, तुम्हारा शुभचिंतक, कुछ भी लिख सकते हैं |
उदाहरण के लिए सामाजिक पत्र - अपने मित्र को वाद विवाद प्रतियोगिता में प्रथम आने पर बधाई
पत्र लिखिए |
परीक्षा भवन
क ख ग
10 सितंबर 2018
प्रिय अतुल,
सस्नेह नमस्कार |
अभी अभी तुम्हारा पत्र मिला, पढ़ कर प्रसन्नता हुई कि तुमने राज्य स्तरीय वाद विवाद
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है | मधुर यह बहुत बड़ी उपलब्धि है |
ऐसी प्रतियोगिताओं के प्रति तुम्हारे रुझान में से मैं परिचित हूं तुम्हारा शुद्ध उच्चारण, ओजस्वी
वाणी ,शानदार प्रस्तुति मिलकर ही ऐसे कमाल करते हैं | जिला स्तरीय प्रतियोगिता में तो
तुमने कई बार जीती हैं | लेकिन राज्य स्तरीय उपलब्धि तुम ने पहली बार प्राप्त की है मेरी
और मेरे परिवार की हार्दिक बधाई स्वीकार करो | हम सभी तुम्हारी इस खुशी में शामिल है
और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं | ईश्वर से प्रार्थना कि तुम सफलता के शिखर पर पहुंचे
पढ़ाई के साथ-साथ तुम्हारी यह कला तुम्हें भविष्य में ऊंचा मुकाम दिलाएगी | तुम्हारा स्वप्न
रहा है | एक नामी वकील बनने का ऐसी उपलब्धियां तो तुम्हें अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के
लिए सबल देंगी |
चाचा चाची जी को हम सब की ओर से शत-शत बधाई हो मिठाई तुमसे मिलने पर खाऊंगा |
तुम्हारा अभिन्न मित्र
सहदेव
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कार्यालय पत्र (औपचारिक पत्र)
प्रारंभ :
- सबसे पहले पत्र प्रेषित करने वाले यानि व्यक्ति या संस्था का नाम व पता रहता है |
- जिससे पत्र पाने वाला पत्र देखते ही समझ जाता कि यह पत्र कहां से आया पत्र प्रेशर के
पास यदि दूरभाष है | तो पति के साथ दूरभाष संख्या भी लिखी रहती है |
पत्र संख्या स्थान और दिनांक :
- इसके पश्चात बाय सर बाय कानों मेंपत्र संख्या भी लिखी जाती है |
प्राप्तकर्ता का नाम पदनाम और पता :
- शीर्ष के नीचे बाईं ओर पत्र के प्राप्तकर्ता का पूरा नाम पद नाम तथा पता अंकित किया
जाता है|
विषय और शीर्षक :
- पत्र प्राप्त करता के पदनाम के नीचे साधारणता संबोधन से पहले कभी कभी बाद में बाई
और विषय लिखकर विराम चिन्ह लगा दिया जाता है |
- संक्षेप में पत्र का विषय निर्देश भी कर दिया जाता है |
संबोधन :
- विषय का उल्लेख किया जाने के पश्चात पत्र में संबोधन के लिए प्राय महोदय / महोदया
शब्द का प्रयोग किया जाता है सरकारी और औपचारिक पत्र में संबोधन के बाद अभिवादन
की विशेषता नहीं पड़ती |
पत्र की मुख्य सामग्री :
- संबोधन के बाद पत्र की मुख्य सामग्री आती है |
- संबोधन के बाद हास्य छोड़कर पत्र की मुख्य सामग्री प्रारंभ की जाती है पत्र की मुख्य
सामग्री सामग्री का उल्लेख करते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए |
- दिनांक …………. देखें “या “ आप के पत्र संख्या ………….. दिनांक ……..
के संदर्भ में मुझे आपको सूचित करने का निर्देश हुआ कि …...….. आदि |
- एक पत्र को एक ही विषय से संबंधित होना चाहिए |
- पत्र में में उपयोग विराम चिन्ह आदि का प्रयोग किया जाना चाहिए |
पत्र का समापन :
- विनम्र शब्दों में कार्य के शीघ्र यथाशीघ्र किए जाने के विषय में निवेदन किया जाना चाहिए
कि आशा है |
- आप मेरी समस्या पर शहर दया पूर्वक विचार करेंगे और अनु गृहीत करेंगे |
- सधन्यवाद |
- अंत में हस्ताक्षर नाम पता जो भी संलग्न है |
पुनश्च :
- यदि कोई महत्वपूर्ण बात पत्र की मुख्य सामग्री से छूट गई हो या आ ना पाई हो तो उसका
उल्लेख पुणे पुनश्च लिखकर किया जाता है |
- पृष्ठांकन संख्या अधिक उल्लेख कर सकते हैं |
उदाहरण के लिए कार्यालय पत्र - हरियाणा सरकार के कृषि मंत्रालय के सचिव की
ओर से जिला उपायुक्त को पत्र लिखें जिसमें बाढ़ से निपटने के सुझाव |
कृषि मंत्रालय हरियाणा सरकार,
चंडीगढ़ |
पत्र संख्या - हरि (कृषि) ओ. ए. वन. 2018:167
दिनांक - 15 जुलाई 2018
प्रति,
उपायुक्त,
करनाल |
विषय - करनाल जिले में बाढ़ से निपटने के सुझाव |
महोदय,
हरियाणा सरकार की ओर से मुझे आपको यह सूचित करने का निर्देश प्राप्त हुआ है
कि करनाल जिले में आई बाढ़ से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं |
राष्ट्रीय समाचार पत्र में इस बार के बारे में अनेक समाचार प्रकाशित हुए हैं | इस बात को
लेकर हरियाणा सरकार की आलोचना की गई है कि सरकार की ओर से आवश्यक कदम नहीं
उठाए जा रहे हैं | अतः आप इस दिशा में तत्काल आवश्यक कार्यवाही करें | बाढ़ से प्रभावित
क्षेत्रों में तत्काल राहत सामग्री पहुंचाई जाए समाज के पिछड़े और गरीब लोगों से योग की
आवश्यकता वस्तुएं मुफ्त बंटी जाएं जिनके मकान इस बार में गिर गया उनका तत्काल अनुदान
की धनराशि भी दी जाए |
इस बार में मलेरिया बीमारियां फैल सकती हैं स्वास्थ संबंधी सेवाओं का सक्रिय किया जाए
बाढ़ से प्रभावित रोगियों के मुफ्त उपचार की तत्काल व्यवस्था भी की जाए | बाढ़ से जो सरके
टूट गई हैं | उनकी मरम्मत कराई जाए विशेषकर यमुना के बाद को मजबूत बनाने के लिए
आवश्यक कदम उठाए जाएं बाढ़ के कारण जिन किसानों की फसलें नष्ट हो गई है | उनका
सर्वेक्षण करके तत्काल एक रिपोर्ट कृषि मंत्रालय को भेजी जाए ताकि किसानों के लिए कुछ
अतिरिक्त सुविधाओं की घोषणा की जा सके इस पत्र के साथ मुख्यमंत्री राहत कोष से
₹500000 का एक ड्राफ्ट भेजा जा रहा है |
आशा है किस दिशा में आप शीघ्र और आवश्यक कदम उठाएंगे |
भवदीय,
सचिव
कृषि मंत्रालय,
हरियाणा सरकार |
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शुभकामनाएं सहित !
नीलम
4 comments:
Thanks ma'am
Great content ma'am❤️
Very helpful mam
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 21 सितम्बर 2019 को लिंक की जाएगी ....
http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
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