विद्यार्थियों
जनसंचार को समझने के लिए संचार के स्वरूप को समझना बहुत जरूरी है |
प्रश्न - संचार क्या है?
उत्तर -
मनुष्य सामाजिक प्राणी है सामाजिक प्राणी होने के कारण वह संचार करता है | संचार का मतलब
विचरण करना | दैनिक जीवन में संचार के बिना हम जीवित नहीं रह सकते | क्योंकि मनुष्य जब
तक जीवित है | संचार अर्थात विचरण करता रहेगा | हम यह भी कह सकते हैं कि समाचार जीवन
की निशानी है | हम जिस संचार की बात कर रहे हैं | उसका अर्थ है मानव के संदेशों को पहुंचाना
अर्थात संदेश भेजना प्राप्त करना इसके दो अनिवार्य लक्षण है |
1. दो या दो से अधिक व्यक्ति
2. उनके बीच किसी संदेश का ग्रहण होना या संप्रेषण होना |
संचार जो है अनुभवों की साझेदारी है | संचार की परिभाषा इस प्रकार हम कह सकते हैं | सूचनाओं
विचारों और भावनाओं को लिखित, मौखिक या दृश्य- श्रव्य माध्यमों के जरिए सफलतापूर्वक एक
जगह से दूसरी जगह पहुंचाना ही संचार है |
प्रश्न - संचार के साधन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर -
वह साधन हमारे संदेश को पहुंचाते हैं जैसे समाचार पत्र, फिल्म, टेलीफोन रेडियो, दूरदर्शन,
इंटरनेट, सिनेमा और फक्स आदि |
प्रश्न - संचार की प्रक्रिया के तत्व कौन कौन से हैं ?
उत्तर -
संचार की प्रक्रिया के निम्नलिखित तत्व है |
- संचारक या स्त्रोत
- संदेश का कुटीकरण
- संदेश का कूटवाचन
- प्राप्तकर्ता
प्रश्न - संचार के विभिन्न प्रकारों पर प्रकाश डालिए ?
उत्तर -
संचार के निम्न प्रकार है |
- सांकेतिक संचार
- मौखिक संचार
- समूह संचार
- अंत: र्वैयक्तिक संचार
- जनसंचार
प्रश्न - फीडबैक से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर -
कुट्टी कृत संदेश के पहुंचने पर प्राप्तकर्ता अपनी प्रतिक्रिया करता है |
इससे पता चलता कि संचारक का संदेश प्राप्त करता तक पहुंच गया |
प्रश्न - एनकोडिंग या कुटीकरण का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर -
संदेश को भेजने के लिए शब्दों संकेतों या ध्वनि चित्रों का उपयोग किया जाता है | भाषा भी
एक प्रकार का कोट चिन्ह या कोड होता है | अतः प्राप्तकर्ता को समझाने योग्य कुटों में
संदेश को बांधना एनकोडिंग या कुटीकरण कहलाता है |
प्रश्न - कूट वाचन या डिकोडिंग से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर -
कुटीकरण की उल्टी प्रक्रिया कूट वाचन कहलाती है | इसके माध्यम से संदेश को प्राप्त करता
कूट चिन्हों में बंधे संदेश समझाता है | इसके लिए आवश्यक है कि प्राप्तकर्ता भी कोड का
वही अर्थ समझता हूं | जो उसे संचारक समझाना चाहता है |
प्रश्न - सांकेतिक संचार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर - सांकेतिक संचार का आर्थिक संकेतों द्वारा संदेश पहुंचाना | मनुष्य का हाथजोड़ना, पांव
छूना, हाथ मिलाना, मुट्ठी कसना, सिग्नल देना, लाल बत्ती होना, हरी बत्ती होना आदि सांकेतिक
संचार है |
प्रश्न - समूह संचार का क्या आशय है?
उत्तर -
एक से अधिक व्यक्तियों से बात करता है | किसी समूह के सदस्य आपस में विचार विमर्श करते हैं
तो उसे समूह संचार कहते हैं | अध्यापक का कक्षा में पढ़ाना किसी संस्था की बैठक होना, जलसा
या जुलूस मैं वार्तालाप कोई एक व्यक्ति बात करता है और वह सबके लिए करता है | वह सामूहिक
मुद्दों पर की गई वार्ता समूह संचार के अंतर्गत ही आती है |
प्रश्न - जनसंचार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर -
जनसंचार नहीं सभ्यता का शब्द है जब संचार किसी तकनीकी या यांत्रिक माध्यम के जरिए समाज
के विशाल वर्ग से संवाद करने की कोशिश की जाती है तो उसे जनसंचार कहते हैं | इसमें एक संदेश
को यांत्रिक माध्यम के जरिए बहुगुणित किया जाता है | ताकि उसे अधिक से अधिक लोगों तक
पहुंचाया जा सके |
जनसंचार की प्रमुख विशेषताएं -
- जनसंचार माध्यमों के जरिए प्रकाशित या प्रसारित संदेशों की प्रकृति सार्वजनिक होती है |
- इसमें संचालक और प्राप्तकर्ता के बीच प्रत्यक्ष संबंध नहीं होता |
- इस माध्यम में अनेक द्वार पाल होते हैं जो इन माध्यमों से प्रकाशित /प्रसारित होने वाली सामग्री
को नियंत्रण तथा निर्धारित करते हैं |
प्रश्न - जनसंचार माध्यमों में द्वारपालों की भूमिका क्या है ?
उत्तर -
जनसंचार माध्यमिक में द्वारपालों की भूमिका महत्वपूर्ण है | यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह
सार्वजनिक हित, पत्रकारिता के सिद्धांतों, मूल्यों और आचार संहिता के अनुसार सामग्री को संपादित
करें तथा इसके बाद ही उनके प्रसारण या प्रकाशन को इजाजत दे |
प्रश्न - जनसंचार के कौन-कौन से कार्य हैं स्पष्ट करें?
उत्तर -
जनसंचार के निम्नलिखित कार्य हैं |
1. सूचना देना - जनसंचार माध्यमों का प्रमुख कार्य सूचना देना है यह दुनिया भर से सूचनाएं
प्रसारित करते हैं |
2. मनोरंजन - जनसंचार माध्यम सिनेमा रेडियो-टीवी आदि मनोरंजन के भी प्रमुख साधन है |
3. जागरूकता - यह जनता को शिक्षित करते हैं जनसंचार माध्यम लोगों को जागरूक बनाते हैं |
4. निगरानी - जनसंचार माध्यम सरकार और संस्थाओं के कामकाज पर निगरानी भी रखते हैं |
5. विचार विमर्श के मंच - यह माध्यम लोकतंत्र में विभिन्न विचारों की अभिव्यक्ति का मंच
उपलब्ध कराते हैं इसके जरिए विभिन्न विचार लोगों के सामने पहुँचाते हैं |
प्रश्न - जनसंचार के माध्यमों को आम जीवन पर क्या प्रभाव है ?
उत्तर -
जनसंचार माध्यमों का आम जीवन पर बहुत प्रभाव है इनसे सेहत, अध्यात्मक, दैनिक जीवन
की जरूरतें हैं आदि पूरी होने लगी है | यह हमारी जीवनशैली को प्रभावित कर रहे हैं |
प्रश्न - लोकतंत्र में जनसंचार माध्यमों का प्रभाव बताइए ?
उत्तर -
लोकतंत्र में जनसंचार माध्यमों में जीवन को गतिशील व पारदर्शी बनाया है | इससे माध्यम में
विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श व बहस होती है | सूचनाओं में जानकारियों का आदान प्रदान
होता है | जो सरकार की कार्यशैली पर अंकुश रखती है | लोकतंत्र को सशक्त बनाती है |
प्रश्न - जनसंचार के दुष्प्रभाव बताइए?
उत्तर -
1. जनसंचार के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों को कम महत्व दिया जाता है |
2. समाज में अश्लीलता व सामाजिक व्यवहार को बढ़ावा देते हैं |
3. जनसंचार के माध्यम खास तौर पर TV वेब सिनेमा ने लोगों को काल्पनिक दुनिया की
सैर कराई है | यह आम जनजीवन से दूर हो जाते हैं | यह पलायनवादी प्रवृत्ति को बढ़ावा देते हैं |
4. अनावश्यक मुद्दों को उछाला जाता है |
5. कई बार बहुत छोटी बात को बहुत बढ़ा चढ़ाकर बताया जाता है |
शुभकामनाएं सहित !
नीलम
7 comments:
I found it very useful. Thank you mam.
Thnkyou ma'am!
Thnkyou mam
This post is very nice and important
Tqsm maim
Yell pa 🙏
Right ji
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