Wednesday, July 11, 2018

Vitan Chapter 1 वितान प्रथम अध्याय

विद्यार्थियों !

आज हम वितान पुस्तिका का प्रथम अध्याय करेंगे -
कुमार गंधर्व द्वारा लिखित भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ लता मंगेशकर |

प्रश्न - लता जी की गायकी की क्या विशेषताएं है ?
उत्तर -
1 सुरीला पन
2 कोमलता और निर्मलता
3 मधुरता का संगम और शास्त्र शुद्धता
जो लता जी के  स्वर में पवित्रता तल्लीनता है किसी भी अन्य में ऐसी तल्लीनता नहीं है |

प्रश्न - कुमार गंधर्व ने लता को बेजोड़ गायिका क्यों कहा ?
उत्तर -
कुमार गंधर्व के अनुसार लता मंगेशकर भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ है | उनके मुकाबले खड़ी होने
वाली एक भी गायिका नजर नहीं आती उनसे पहले नूरजहां का सिक्का चलता था | परंतु लता ने
उन्हें बहुत पीछे छोड़ दिया | पिछले 50 वर्षों से वे गायिका के क्षेत्र में पूरी तरह छाई हुई है यद्यपि
इस लंबी अवधि में अनेक गायिकाएं उभरी किंतु लता का स्थान सदैव उनके ऊपर बना रहा 50
साल के बाद भी आज उनका स्वर पहले की तरह कोमल सुरीला मनभावन बना हुआ है | लता
बेजोड़ इसलिए भी है कि उनके गान में गानपन  पूरी तरह मौजूद है | शास्त्रीय संगीत से परिचित
होती हुई भी सुगम संगीत में गाती हैं | अपनेतथा अपने सुरीले पन और गूंज से सभी श्रोताओं को
सीधे प्रभावित करती हैं उनके गानों को सुनकर देश के आम गायकों और श्रोताओं की संगीत
अभिरुचि परिष्कृत हुई है |

प्रश्न - नाद में उच्चारण का क्या अर्थ है यह लता के गायन में किस प्रकार प्रकट हुआ है ?
उत्तर -
नाद में उपचार का अर्थ है उच्चारण में गूंज का होना |  लता के गायन में यह विशेषता है कि
उनकी एक शब्द की गूंज दूसरे शब्द की गूंज में इस तरह मिल जाती है कि दोनों एक दूसरे
में लीन हो जाते हैं | यह विशेषता केवल लता के स्वर में ही है |


प्रश्न - शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत में क्या अंतर है ?
उत्तर -
शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत दोनों का लक्ष्य आनंद प्रदान करना है |
फिर भी दोनों में बहुत अंतर है शास्त्रीय संगीत मे ताल का पूरा ध्यान रखा जाता है,
जबकि चित्रपट संगीत में आधे ताल का उपयोग होता है चित्रपट संगीत में गीत और
आघात को ज्यादा महत्व दिया जाता है | सुलभता तथा लोच को आद्र स्थान सुलभता
तथा लोच को अग्र स्थान दिया जाता है उसे शास्त्रीय संगीत की भी उत्तम जानकारी होना
आवश्यक है क्योंकि 3:30 मिनट के गाए हुए चित्रपट संगीत और खानदानी शास्त्रीय
संगीत की तीन-साढ़े 3 घंटे की महफिल का कलात्मक आनंद मूल्य एक ही है |

प्रश्न - कुमार गंधर्व ने लता मंगेशकर को बेजोड़ गायिका माना है क्यों ?
उत्तर -
क्योंकि लता मंगेशकर के मुकाबले में कोई भी गायिका नहीं है | नूरजहां अपने समय
की प्रसिद्ध चित्रपट संगीत की गायिका थी परंतु  लता की गायकी ने उसे पीछे छोड़
दिया लता जी पिछले 50 वर्षों से एक छत्र राज कायम किया हुआ इतने लंबे समय
के बावजूद उनके स्वर पहले की तरह कोमल सुरीला में मनभावन है |
इसके कई कारण है -
i) गायन में जो गान पन है वह किसी गायिका में नहीं मिलता |
ii) उच्चारण में शुद्धता वह नाद का संगम और भावों में जो निर्मलता
है अन्य गायिकाओं में नहीं है |
iii) एक तो लता जी की सुरीली आवाज ईश्वर की देन थी ऊपर से उन्होंने मेहनत
से उसे और निखार दिया |
iv) लता जी शास्त्रीय संगीत से परिचित है परंतु फिर भी सुगम संगीत में गाती
थी उनके गानों को सुनकर देश-विदेश में लोग दीवाने होते हैं उन्होंने आम व्यक्ति
की संगीत के प्रति अभिरुचि को परिष्कृत किया है |
शुभकामनाएं सहित !

नीलम

7 comments:

Unknown said...

Thanku mam

Unknown said...

Thanks for help mam

Unknown said...

लता मंगेशकर के गायन ने गायन ने भारतीय लोगों की अभिरुचि को किस प्रकार प्रभावित किया

Unknown said...

Thanks

Unknown said...

Tnx

Unknown said...

Answer men

Manisha vishwakarama said...
This comment has been removed by the author.